Monday, December 8, 2014

५ दिसम्बर, २०१४ के एक शहीद की अंतिम यात्रा की झलक

नाम- शहीद पन्ना लाल यादव,
सुपुत्र- श्री कोदई यादव
ग्राम पंचायत- मौलिया
तहसील-मेहनगर
जिला-आजमगढ़
 
इस ब्लॉग में संलग्न तस्वीरें, बीते शक्रवार को जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए आजमगढ़ के वीर सपूत शहीद पन्ना लाल यादव के अंतिम यात्रा की एक झलक है. एक तरफ उसके जाने का गम तो दूसरी तरफ उसके शहीद होने का फक्र. एक तरफ आसूओं का बहता हुआ सैलाब तो दूसरी तरफ फूलों का बरसता हुआ हार. एक तरफ फटता हुआ सीना तो दूसरी तरफ फक्र से मौत को गले लगाने का सौभाग्य. एक तरफ रोत-चील्लाते परिजनों की गुहार तो दूसरी तरफ गॉड ऑफ़ ऑनर की गूंजती हुई ध्वनि. वैसे तो हरेक कोई पैदा होता है, जीता है और मरता है. पर हममे से बहुत कम देश के लिए पैदा होते हैं, देश के लिए जीते हैं और देश के लिए मरते हैं. यक़ीनन हिन्दुस्तान का हरेक शख्स शहादत के लिए तरसता हैं परन्तु खुश्नशीब केवल शहीद पन्ना लाल यादव जैसे कुछ शख्स ही होते हैं.
 
शहीद नायक पन्ना लाल यादव, सन २००० में भारतीय सेना के लिए चयनित हुआ था. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दस वर्ष की ऊम्र से ही ट्रक की खलासी करते हुए अपनी पढाई को जारी रखा. अपने कठिन परिश्रम से भारतीय थल सेना के लिए वाराणसी से चयनित हुआ. तीन भाइयों में वह मझिला, बड़ा भाई ट्रक चालक और छोटे भाई की मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण देश के साथ-साथ घर-परिवार की पूरी जिम्मेद्दारी अकेले पन्ना लाल के कंधे पर थी. परन्तु आज देश की जिम्मेद्दारी का पलरा, घर की जिम्मेद्दारी पर भारी पड़ा और पीछे छोड़ गया बुड्ढ़े माँ-बाप के साथ-साथ दो भाई और  रोती-बिलखती बीबी तथा फूल से हसँते हुए मासूम से दो बच्चे जो इस ख़ुशी और गम से अनभिज्ञ अपनी ही दुनिया में मस्त है. आज मैं इस शहीद के अंतिम यात्रा में शामिल होकर खुद को एक तरफ गौरान्वित और सौभाग्यशाली महशुस कर रहा था तो दूसरी तरफ उस परिवार की हालत देख मन विचलित था. आइये आप भी इस वीर सपूत की अंतिम यात्रा की झाकी में खुद को सम्मिलित करें- जहाँ कहीं सुनी गोद है तो कहीं असहाय कंधे; कहीं सुनी मांग हैं तो कहीं अनभिग्य हसँते हुए होठ; कहीं सुना गाँव है तो कहीं गॉड ऑफ़ ऑनर से गौरान्वित एक शहीद .........
 
जगह: ग्राम पंचायत-मौलिया                                                     

दिनांक: ०७/१२/२०१४                                                    अनिल कुमार ‘अलीन’

दिन: रविवार                                                     अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, मेहनगर